शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती, एसपी कुमार आशीष बिहार के लोगों के लिए बने प्रेरणापुंज

शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती, एसपी कुमार आशीष बिहार के लोगों के लिए बने प्रेरणापुंज

शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती

शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती, एसपी कुमार आशीष बिहार के लोगों के लिए बने प्रेरणापुंज

बिहार के किशनगंज एसपी कुमार आशीष पीएचडी की डिग्री हासिल कर, बने डॉ. कुमार आशीष

पटना (बिहार) : बिहार के किशनगंज के तेज-तर्रार और आम लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय एसपी कुमार आशीष, 29 दिसम्बर से डॉ. कुमार आशीष हो गए हैं। उन्हें यह उपलब्धि अपनी पीएचडी की मानक उपाधि प्राप्त करने पर, बुधवार को मिली है। मोबाइल के जरिये उनसे हुई हमारी बातचीत के दौरान, उन्होंने बताया कि विश्व प्रसिद्ध जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के फ्रांसीसी भाषा अध्ययन संस्थान से उन्होंने, फ्रेंच भाषा में बीए, एमए और एमफिल की डिग्री आईपीएस सेवा में आने के पूर्व ही प्राप्त कर ली थी। लेकिन उनके पीएचडी का शोध, कुछ बाँकि रह गया था। जिस पर उन्होंने जेएनयू से कुछ समय का विस्तारीकरण ले लिया था। पिछले साल उन्होंने गृह विभाग, बिहार सरकार से अनुमति प्राप्त कर पुन: बचे हुए शोध कार्य को पूरा करने का संकल्प लिया और उन्होंने इस कार्य को सफलता पूर्वक पूर्ण भी कर लिया। इस वर्ष फरवरी माह में उन्होंने, अपने शोध कार्य को पूर्ण कर के, सारे पेटेंट्स जेएनयू में जमा कर दिए। जिस पर मूल्यांकन की प्रक्रिया के बाद 29 दिसम्बर को उनकी मौखिक परीक्षा हुई। जिसमें उन्होंने अपने रिसर्च को सफलतापूर्वक प्रस्तुत कर, विभिन्न सवालों के संतोषप्रद जवाब दिए। सभी परीक्षक, उनके जबाब से संतुष्ट हुए और उन्हें बाकायदा पीएचडी की मानक डिग्री से नवाजा गया। गौरतलब है कि एसपी कुमार आशीष को पीएचडी करने की कोई जरूरत नहीं थी लेकिन जिद और जुनून की वजह से उन्होंने यह डिग्री हासिल की। कुमार आशीष की यह उपलब्धि, आगे युवाओं के साथ-साथ सभी वय के लोगों के लिए एक अजीम प्रेरणा साबित होगी। हमें यह जानकारी देते हुए बेहद गर्व हो रहा है कि कुमार आशीष ने बेहद गरीबी में शिक्षा ग्रहण कर के, एसपी बनने का सौभाग्य पाया है। बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा गाँव में जन्म लेने वाले कुमार आशीष ने नौवीं कक्षा तक की शिक्षा, संग्रामपुर स्थित स्कूल में अपने गाँव से डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय कर के और बोड़े पर बैठ कर ली थी। लालटेन युग में, 10 वीं की पढ़ाई, श्री कृष्ण विद्यालय सिकंदरा और 12 वीं की पढ़ाई धनराज सिंह कॉलेज सिकंदरा से पूरी की। उनके पिता बृजनंदन प्रसाद सिंचाई विभाग में क्लर्क थे और माँ मुद्रिका देवी गृहणी थीं। चार भाईयों में कुमार आशीष सबसे छोटे थे। 2001 में जेएनयू में एंट्रेंस एग्जाम दिया, जिसमें उन्होंने पूरे भारत में प्रथम स्थान प्राप्त किया। आगे की पढ़ाई बेहद कठिनाई और अभाव में चलती रही। 2012 में इन्होंने आईपीएस की परीक्षा पास की। सबसे पहले ये नालन्दा के एसपी बने, जहाँ खूब नाम कमाया। उसके बाद 2015 में ये मधेपुरा के एसपी बने। इसी दौरान इनकी माँ मुद्रिका देवी बीमार पड़ गयी। ईलाज के लिए उन्हें, सहरसा के नया बाजार स्थित आयुष-अर्णव नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। माँ की मौत, एक बड़ा सदमा होता है। किसी तरह इस दर्द से वे उबरे और अभी किशनगंज जिले के एसपी हैं। एसपी कुमार आशीष को किशनगंज की जनता बहुत प्यार करती है। एसपी होने के साथ-साथ वे समाज सुधारक की भी भूमिका निभाते हैं। इनके बेहतर कार्य को देखते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ना केवल इन्हें पुरस्कृत किया है बल्कि इनकी कार्यशैली को लेकर, जम कर कसीदे भी कढ़े हैं। अब एसपी कुमार आशीष, डॉक्टर कुमार आशीष बन चुके हैं। इनके सरल, सहज, मृदुल और मिलनसार व्यवहार के लोग कायल रहते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह